अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय में राजभाषा नीति का अनुपालन
अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय में राजभाषा नीति का अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय के 1 संयुक्त निदेशक (रा.भा.), 1 सहायक निदेशक (रा.भा.), 01 वरिष्ठ हिंदी अनुवाद अधिकारी एवं 03 कनिष्ठ अनुवाद अधिकारी के पद सृजित किए गए है।
मंत्रालय में राजभाषा विभाग द्वारा जारी राजभाषा कार्यान्वयन संबंधी सभी दिशा-निर्देशों, नीतियों का अनुपालन कराने हेतु हिन्दी अनुभाग कार्यरत है। राजभाषा अधिनियम, 1963 की धारा 3(3) और राजभाषा नियम 1976 के प्रावधानों का अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए विभिन्न दस्तावेजों का समय से अनुवाद कर जारी क जाता है। मंत्रालय के सभी कार्मिको को समय-समय पर राजभाषा संबंधी प्रशिक्षण दिया जाता है तथा विशेष प्रशिक्षण हेतु नामित किया जाता है। हिंदी के प्रति रुझान बढ़ाने हेतु हिंदी कार्यशालाओं का आयोजन किया जाता है।
हिंदी के प्रचार-प्रसार को गति प्रदान करने के लिए इसे सामाजिक उत्तरदायित्व के साथ जोड़ते हुए कार्यालय के कार्मिकों के अलावा अधीनस्थ कार्यालय आदि के साथ राजभाषा कार्यप्रबंधन एवं जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। मंत्रालय का काम हिंदी में करने के लिए कर्मचारियों को प्रोत्साहित करने हेतु हिंदी पखवाड़ा आयोजित करता है। इसके अतिरिक्त राजभाषा के प्रचार-प्रसार में सतत प्रगति को सुनिश्चित करने के लिए बहुविध प्रोत्साहन योजनाएं कार्यान्वित की जाती हैं। कर्मचारियों के लिए हिंदी कार्यशाला व पखवाड़ा के अतिरिक्त राजभाषा हिंदी के आधुनिक संदर्भ में कई विशेष कार्यक्रम किए जाते हैं। इसके अलावा 1 गृह पत्रिका का प्रकाशन भी किया जा रहा है।
इस प्रकार मंत्रालय राजभाषा नीति के कार्यान्वयन व राजभाषा हिंदी के प्रचार-प्रसार के लिए सतत प्रयत्नशील है।
राजभाषा संबंधी प्रावधान
राजभाषा संबंधी प्रकाशन
राजभाषा संबंधी अन्य सूचना के लिए राजभाषा विभाग, गृह मंत्रालय की वेबसाईट देखी जाए
राजभाषा संबंधी महत्वपूर्ण समितियां
केंद्रीय हिंदी समिति
यह समिति संविधान, राजभाषा अधिनियम, 1963 और राजभाषा नियम (संघ के शासकीय प्रयोजनों के लिए प्रयोग) 1976 में किए गए उपबंधों और सरकार द्वारा समय-समय पर जारी किए गए निदेशों/अनुदेशों की पृष्ठभूमि में हिन्दी के प्रचार-प्रसार तथा सरकारी कामकाज में हिन्दी के प्रगामी प्रयोग के संबंध में भारत सरकार के विभिन्न मंत्रालयों/विभागों द्वारा बनाए गए कार्यक्रमों और किए गए कार्यों का समन्वय करती है। यह समिति राजभाषा नीति के संबंध में आवश्यक दिशा निर्देश देने वाली सर्वोच्च समिति है।
प्रधानमंत्रीजी की अध्यक्षता में गठित इस समिति में प्रधानमंत्रीजी के अलावा कुछ प्रमुख केंद्रीय मंत्री, कुछ विशिष्ट विद्वान, सदस्य हैं। राजभाषा विभाग के सचिव एवं भारत सरकार के हिन्दी सलाहकार इस समिति के सदस्य-सचिव हैं।
संसदीय राजभाषा समिति
संघ के राजकीय प्रयोजनों के लिए हिन्दी के प्रयोग में हुई प्रगति का पुनर्विलोकन करने के लिए राजभाषा अधिनियम 1963 की धारा 4 (1) के तहत सन् 1976 में संसदीय राजभाषा समिति का गठन किया गया। इस समिति में 30 सदस्य होते है जिसमें 20 लोकसभा के और 10 राज्यसभा के सदस्य होते हैं। जो क्रमश: लोकसभा एवं राज्यसभा के सदस्यों द्वारा आनुपातिक प्रतिनिधित्व प्रणाली के अनुसार एकल संक्रमणीय मत द्वारा निर्वाचित होते हैं। परंपरा के अनुसार केंद्रीय गृह मंत्री इस समिति के अध्यक्ष होते हैं।
राजभाषा कार्यान्वयन समिति
हिन्दी के प्रगामी प्रयोग की समीक्षा करने के लिए मंत्रालय में राजभाषा दिशा-निर्देशों के अनुसार राजभाषा कार्यान्वयन समिति गठित है जिसकी अध्यक्षता संयुक्त सचिव स्तर के अधिकारी करते हैं। इस समिति की बैठक हर तिमाही में एक बार आयोजित जाती है। बैठकों में राजभाषा अधिनियम 1963 और उसके अंतर्गत बने राजभाषा नियम 1976 तथा अन्य आदेशों के अनुसार हिन्दी के प्रयोग की स्थिति की समीक्षा की जाती है और कमियों को दूर करने के उपाय किए जाते हैं।
हिन्दी सलाहकार समिति
मंत्रालय के माननीय मंत्री की अध्यक्षता में हिन्दी सलाहकार समिति का गठन किया गया है। इस समिति का उद्देश्य मंत्रालय में हिन्दी की प्रगति की समीक्षा करना, मंत्रालय में हिन्दी के प्रचार-प्रसार के लिए सुझाव देना और राजभाषा नीति के अनुपालन सुनिश्चित करना होता है।
हिन्दी सलाहकार समिति के पुनर्गठन संबंधी संकल्प एवं संशोधन
हिंदी सलाहकार समिति का संशोधित ‘‘संकल्प’’